अधिक कोलेस्ट्रोल भी हृदय रोगों के मुख्य कारणों में से एक है। यह रक्त में छोटे-छोटे अणुओं के रूप में एक प्रकार की वसा (चिकनाई) है। कोलेस्ट्रोल शरीर की क्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यह कोशिकाओं की दीवारों का निर्माण करने और विभिन्न हारमोन्स के संयोजन के लिए आवश्यक होता है तथा यह नाड़ियों का आवरण और मस्तिष्क को कोशिकायें बनाता है। यह पाचन क्रिया के लिये Bile juice का भी निर्माण करता है। यह वसा को शरीर के विभिन्न भाग में पहुँचाता है तथा लाल रक्तकण की रक्षा करता है। ज्यादातर कोलेस्ट्रोल तो यकृत (Liver) में ही बनता है, कुछ भाग हमें भोजन से आता है। अतः जिनके भोजन में कोलेस्ट्रोल अधिक होता है, उनके रक्त में कोलेस्ट्रोल का स्तर अधिक पाया जाता है जो हृदय के लिये घातक है। यह प्रोटीन के साथ मिलकर लिपो-प्रोटीन
(Lipo-Protein) कहलाता है। यह दो प्रकार का होता है।
- लो डेन्सिटी लिपो प्रोटीन (Low Density Lipo-Protein) 2. हाई डेन्सिटी लिपो-प्रोटीन (High Density Lipo-Protein)
लो डेन्सिटी लिपो-प्रोटीन (Low Density Lipo-Protein LDL)-
यह ट्राइग्लिसराईड (तेलों का दूसरा नाम) और प्रोटीन के मिश्रण से बनाता है। यह बहुत बुरा (Bad) माना जाता है क्योंकि यह परिहृदय धमनियों (Coronary Arteries) में मेदार्बुद (Athroma) के बनने में सहायक होता है जिससे रक्त संचारण में अवरोध (Blockage) उत्पन्न होता है और हृदयघात (Heart Attack) होने की स्थिति निर्मित होती है।
हाई डेन्सिटी लीपो प्रोटीन (High Density Lipo Potein HDL)-
इसे अच्छा कोलेस्ट्रोल माना जाता है क्योंकि यह मेदार्बुद को बनने से रोकता है। पूर्ण कोलेस्ट्रोल सामान्य स्तर पर होते हुए भी यदि HDL की मात्रा सामान्य से कम हो या LDL का अनुपात अधिक हो तो भी धमनियों में अवरोधक के बनने की संभावना रहती है।
कारण :- तला भुना, पशुजनित दूध व दूध से बने पदार्थ, गरिष्ठ भोजन का अधिक सेवन, माँस, अंडा, जंक और फास्ट फूड इत्यादि। शराब एवं धूम्रपान भी कोलेस्ट्रोल को बढ़ाते हैं। मानसिक तनाव भी कोलेस्ट्रोल को बढ़ाताहै क्योंकि तनाव से Adrenal Gland अधिक स्राव करके Fat Matabolism को प्रभावित करता है।
उपचार :- यह आवश्यक है कि LDL को घटाया जाये, अतः कोलेस्ट्रोल बढ़ाने वाले उपरोक्त दिये गये सभी खाद्य पदार्थ भोजन से हटा देने चाहिए। कोलेस्ट्रोल बढ़ाने वाले सभी पशुजनित खाद्य पदार्थ छोड़ देने चाहिए। खाने में नारियल एवं पाम (Palm) के तेल का प्रयोग भी कम कर देना चाहिए।
रेशेदार (Fibres) खाद्य (चोकर समेत आटे की रोटी, छिलके समेत दालें, टमाटर, गाजर, अमरूद, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, पत्तागोभी इत्यादि) लें। विटामिन बी प्रधान भोजन LDL को कम करता है। प्रतिदिन कम-से-कम 50 ग्राम जई का चोकर (Oat Bran) किसी भी ढंग से खाना। अजवायन रक्त में हानिकारक कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम करती है। लेशीथीन (Lecithin) जो चिकनाई युक्त भोजन है, कोलेस्ट्रोल को रक्त नलिकाओं में जमने नहीं देता तथा कोलेस्ट्रोल से बाइल (Bile) के निर्माण को बढ़ाता है जिससे रक्त में कोलेस्ट्रोल कम हो जाता है। जिनका कोलेस्ट्रोल स्तर ज्यादा है, उन्हें अधिक पानी पीना चाहिए। हरे नारियल का पानी बहुत ही उत्तम है। धनिया (Coriander) का पानी (पानी में धनियाँ उबालकर ठंडा करके) पीने से भी ज्यादा (Excess) कोलेस्ट्रोल मूत्र द्वारा शरीर से बाहर हो जाता है।
गेहूँ के जवारे का रस, करेले का रस और इसबगोल कोलेस्ट्रोल को कम करता है।
अंकुरित मेथी के बीज प्रतिदिन खायें।
काला चना रात को भिगो दें। प्रातः उसका पानी पीने तथा चने खाने से बहुत लाभ होता है।
पेट पर मिट्टी पट्टी एवं कटिस्नान बहुत ही उपयोगी है। भाप स्नान भी लाभदायक है लेकिन उच्च रक्तचाप वालों के लिए वर्जित है।
नियमित व्यायाम एवं योगासन LDL को घटाते हैं और HDL को बढ़ाते हैं।