आँव आना (Mucus) 

आँव आना (Mucus) 

लक्षण :- मल के साथ आँव आना, भोजन में अरुचि होना, भूख कम होना, साहस की कमी, आलस्य, काम में मन न लगना, मन बुझा-बुझा रहना। 

कारण :- पाचक अग्नि (जठराग्नि) के दुर्बल होने से भोजन के रस का सार पककर लेस के रूप में मल के साथ निकलता है। 

उपचार :- कुछ दिन रसाहार (नारियल पानी, सफेद पेठे का रस, खीरे का रस, लौकी का रस, नींबू पानी, संतरा व अनानास का रस, मठ्‌ठा इत्यादि) पर उपवास करें। उसके बाद कुछ रोज फलाहार लें। फिर कुछ रोज फल, सलाद एवं अंकुरित पर रहें, फिर सामान्य आहार पर आयें । अपक्वाहार का भी समावेश रहे। 

इस दौरान एनीमा तथा पेट पर मिट्टी पट्टी करते समय साप्ताहिक उपवास अवश्य रखें। यह रोग काफी समय बाद दूर होता है। अतः घबराना नहीं चाहिए। 

गर्म पानी में दही एवं थोड़ा नमक डालकर अच्छी तरह फेंट कर तैयार हुये मट्ठे का एनिमा दें। यह आँतों में चिपका आँव निकलता है। 

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