
आंत्र पुच्छ प्रदाह (Appendicitis)
लक्षण :- छोटी और बड़ी आंत जहाँ मिलती है, वहीं उसी के पास
जो आंत्र-पुच्छ (Appendix) होती है उसमें सूजन आ जाती है। पेट के दाहिनी तरफ जोर का दर्द होता है तथा उसी जगह पर गांठ की तरह फूलकर कड़ा हो जाता है। इस स्थान पर थोड़ा-सा भी दबाने से बहुत तेज दर्द होता है। इसमें उल्टी, उल्टी का उद्वेग (Nausea), श्वास में दुर्गन्ध, कब्ज, बुखार इत्यादि भी हो जाते हैं। इसका समय पर इलाज न करने से सूजन बढ़ती रहती है जिससे यह फटकर खतरनाक हो सकती है।
कारण :- इसका मूल कारण पुरानी कब्ज है। कठिनाई से पचने वाला भोजन तथा तले-भुने पदार्थों का अधिक सेवन करने वाले एवं मांसाहारी व्यक्तियों को प्रायः यह रोग अधिक होता है।
उपचार :- कब्ज को दूर करने के साथ-साथ शरीर को विषमुक्त करना
ही इसकी चिकित्सा है। इसमें पूर्ण विश्राम करना बहुत जरूरी है। खाना-पीना बिल्कुल छोड़कर केवल पानी थोड़ा-थोड़ा और धीरे-धीरे पीजिए। दो तीन बार पानी का एनिमा देकर पेट साफ करें। दिन में कई बार पेट पर गर्म-ठंड़ा सेंक देकर मिट्टी की पट्टी रखें। अधिक दर्द की वजह से यदि मिट्टी की पट्टी का भार सहन न हो तो गीली पट्टी रखें। तीसरे दिन से फल, सब्जियों का रस एवं नींबू पानी देना शुरू करें। गाजर चुकन्दर का रस मिलाकर या खीरे का रस विशेष उपयोगी है।
उसके बाद अपक्वाहार (फल, सब्जियाँ, अंकुरित इत्यादि) एक सप्ताह
तक लें। रोग ठीक होने के पश्चात् सामान्य संतुलित भोजन पर आ जायें। भविष्य में कब्ज न होने दें।