खसरा (Measles)
यह बच्चों को होने वाला छूत का रोग है जो एक बच्चे से दूसरे बच्चे तक तेजी से फैलता है। इसलिए रोग ग्रस्त बच्चे के संपर्क में अन्य बच्चों को नहीं आने देना चाहिए।
लक्षण :- छीकें, नाक बहना, आँखें लाल होना, सूखी तेज खाँसी, बुखार 104% तक पहुँच जाता है। बुखार आरंभ होने के तीसरे दिन से चेहरे और छाती पर लाल दाने दिखाई देने लगते हैं जो चार पाँच दिन तक रहते हैं। जैसे-जैसे दाने समाप्त होने लगते हैं, ज्वर व खाँसी भी कम होने लगता है। खसरे में कभी कभी निमोनिया भी हो जाता है।
कारण : बच्चे को गलत आहार देना तथा अस्वस्थ वातावरण में रखना, मैले कपड़े, गंदा बिस्तर, बंद कमरा इत्यादि जिनकी वजह से रोग प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है और संक्रमण होकर रोग हो जाता है।
उपचार :- केवल रसाहार दें। मुख्यतः संतरे का रस, नींबू पानी, फिर फलाहार और फिर सामान्य आहार दें।
गरिष्ठ भोजन, तली भुनी, नमक, मिर्च मसाले, मिठाईयाँ इत्यादि बिल्कुल न दें।
पेट पर मिट्टी पट्टी, गर्म पानी का एनिमा, छाती पर गीली मिट्टी, नीम के गर्म पानी से स्पंज या स्नान।
मुलेठी का पाउडर शहद के साथ लें।
लौंग को पीसकर शहद के साथ दें।
एक चुटकी पिसी हल्दी शहद के साथ दें।
आधा से एक ग्राम बैंगन के बीज खाएँ।
कमरे के दरवाजे व खिड़कियाँ खुले रखें एवं हल्की रोशनी रखें।
रोगी का शरीर गर्म बनाये रखना चाहिए। गरम पानी की बोतल तलवों के नीचे रखने से गर्मी बनी रहती है।
रोगी को पूर्ण विश्राम करना चाहिए।
बुखार उतरने व अन्य लक्षण दूर होने के बाद भी चौबीस घंटे तक अवश्य आराम करना चाहिए।