
चर्म रोग (Skin Disease)
त्वचा पर सूजन (Dermatitis), फोड़े फुंसी (Boils) दाद (Ring-worm), खुजली (Scabies) इत्यादि होने को चर्मरोग कहते हैं। इसके कारण और उपचार लगभग एक जैसे ही हैं।
कारण :- यकृत (Liver) तथा पाचन क्रिया की खराबी एवं पुरानी कब्ज, आहार विहार की गड़बड़ी से शरीर में विजातीय द्रव्यों का एकत्रित होना, कृत्रिम या गीले वस्त्र पहनना, मानसिक तनाव एवं चिंता, सफाई न रखना, संक्रमण इत्यादि।
उपचार :- रोग की अवस्थानुसार एक से सात दिन तक रसाहार
(पालक, ककड़ी, गाजर, पत्तागोभी, सफेद पेठा का रस, नारियल पानी) लें। फिर आवश्यकतानुसार कुछ रोज अपक्वाहार (फल, सलाद, अंकुरित) लेते हुए सामान्य आहार पर आ जायें। चीनी, रिफाइन्ड खाद्य, चाय, कॉफी न लें। करेले का रस नींबू डालकर पियें। मेथीदाना पानी में बारह घंटे भिगोकर उसका पानी प्रातः एवं सायं पियें। प्रतिदिन तुलसी की पत्तियाँ खायें, अंजीर खायें।
खाली पेट नीम के पत्तों का पानी पीयें।
नीम की पत्तियाँ पानी में उबालकर उस पानी से स्नान करें तथा नीम के
पानी का ही एनिमा करें।
कुंजल तथा शंख प्रक्षालन करें। पश्चिमोत्तानासन, सर्वांगासन, मत्स्यासन. सूर्यनमस्कार, योगनिद्रा करें। जालंधर, उड्डियान बंध, नाडीशोधन, भस्त्रिका, शीतली एवं कपालभाति प्राणायाम करें।
सूर्य तप्त हरी बोतल का पानी पियें एवं सूर्य तप्त हरी बोतल का तेल लगायें। खाज पर तुलसी का रस, नींबू का रस मिलाकर लगाएं। नींबू का रस नारियल तेल में मिलाकर लगाइए।
नारियल तेल में कपूर डालकर दाद खाज पर मालिश करें। दाद खाज के स्थान पर पुदीना रस लगाइए। दाद पर गर्म ठंडा सेंक करके मिट्टी पट्टी करें।
मस्सों पर कच्चा आलू काटकर या कच्चा प्याज काटकर दो सप्ताह तक दिन में कई बार रगड़े। नमक बिल्कुल न खायें।
फोड़ों पर पान का पत्ता गर्म करके अरन्डी का तेल (Castor Oil)
लगाकर रात भर बाँध दें। फोड़ा पककर फूट जायेगा एवं मवाद बाहर आ जायेगा। फोड़े पर हल्दी का लेप लगायें। नमक मिले पानी से फोड़े को धोने से दर्द कम होता है। फोड़े के ऊपर बर्फ बाँधने से भी दर्द व सूजन कम होती है। फोड़े की सिकाई करके मिट्टी लेप करने से दर्द में आराम मिलता है।