प्लूरिसी (Pleurisy)
फुफ्फुसावरण (Pleura) अर्थात् उस झिल्ली में सूजन जो दोनों फेफड़ों को इके रखती है और उन्हें सुरक्षित रखती है।
लक्षण :- छाती में तेज और चुभने वाला दर्द होता है। अधिकतर लोगों को ठंड लगती है। छाती भारी हो जाती है तथा बुखार भी हो जाता है। बाद में कुछ रोगियों में झिल्ली से पानी निकलकर छाती में भर जाता है।
कारण :
सर्दी लगकर फुफ्फुसावरण में सूजन एवं जकड़न
(Congestion) होना। इस रोग से निमोनिया हो सकता है या निमोनिया से यह रोग हो सकता है।
उपचार :- इसका एकमात्र इलाज उपवास है। केवल पानी और संतरे का रस दें। उपवास एक सप्ताह तक जारी रह सकता है।
इस दौरान प्रतिदिन गर्म पानी का एनिमा, गीली चादर लपेट, गुनगुने पानी से शरीर पर स्पंज, गर्म गीली पट्टी को छाती लपेट दिन में दो-तीन बार करें।
सूर्यस्नान और सूखा घर्षण बहुत महत्वपूर्ण है।
जब सामान्य तापमान हो जाये एवं जोर की भूख लगे तो समझो कष्ट दूर हो गया।