मस्तिष्कावरण की सूजन
(Meningitis)
लक्षण :- तेज बुखार, गर्दन और कमर पर अकडन, रोगी ठुड्डी की तरफ घुटने मोडकर लेटता है और आँखें रोशनी से दूर हटती हैं। त्वचा पर दाफड, कब्ज एवं उल्टी इत्यादि। रोगी अस्त-व्यस्त, सुस्त हो जाता है एवं बेहोश हो जाता है।
कारण :- यह बैक्टिरिया या वायरस द्वारा होने वाला संक्रामक रोग है। यह संक्रामक गले, फेफड़े, कान, नाक इत्यादि के रोगों द्वारा पहुँच जाता है। क्षयरोग भी दिमाग तक पहुँचकर यह रोग कर देता है। सिर या खोपड़ी पर किसी चोट या जख्म से भी यह रोग हो जाता है।
उपचार :- पहले कुछ दिन रोगी को पूर्ण विश्राम पर रखते हुए केवल संतरे का रस दें। इससे शरीर को ऊर्जा मिलेगी, पेशाब अधिक आकर विजातीय द्रव्य बाहर निकलेगा तथा रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ेगी। लहसुन का सेवन बहुत उपयोगी है। नींबू शहद का पानी दें। नीम के पत्तों का रस पानी मिलाकर लें।
जब बुखार सामान्य हो जाये तथा जीभ साफ हो जाये तो रसीले फल इत्यादि अगले पाँच दिन तक लें।
गर्म पानी का एनिमा दें।
यदि बुखार 102°F से अधिक हो तो माथे पर गीली पट्टी रखें। यदि इससे बुखार न उत्तरे तो गीली चादर लपेट का प्रयोग करें।
रीढ़ का गर्म ठंडा सेक।
नमक के पानी के टब में बीस-पच्चीस मिनट लेटें