हैजा (Cholera)
लक्षण :-
इसमें उल्टी एवं पतले दस्त लग जाते हैं। पेट एवं पैरों में ऐंठन व कभी-कभी बुखार भी हो जाता है। लेकिन ऊपर से शरीर ठंडा रहता है। नाड़ी (Pulse) मंद पड़ जाती है। हैजा से शरीर में नमक व पानी की कमी (Dehydration) हो जाती है जिससे स्थिति खतरनाक हो सकती है।
कारण :- यह एक संक्रामक रोग है जो मक्खियों या संक्रमित पानी से फैलता है। लेकिन इसका असली कारण गलत आहार विहार से शरीर में विजातीय द्रव्य का इकठ्ठा हो जाना है।
उपचार :- थोड़ा-थोड़ा करके पानी, नींबू पानी या नारियल पानी अवश्य देते रहें, चाहे वह उल्टी द्वारा बाहर आ जाये।
पुदीने का पानी पिएँ । लौंग को पानी में उबालकर उस पानी को पीना। तुलसी की पत्ती और काली मिर्च पीसकर सेवन करें। नींबू रस व प्याज रस गर्म जल में डालकर पिलायें।
पेट पर गीली पट्टी, एनिमा, कुंजल, कटिस्नान इत्यादि उपचार करें।
जब तक रोग बिलकुल ठीक न हो जाए, नींबू पानी पर उपवास करें। फिर रसाहार, फलाहार एवं सामान्य आहार पर आयें।